चाय और अखबार
खुशनुमा मौसम…
आवाज लगाइ, अरी सुनती हो, चाय बाहर ही लाना
रामू प्याली के साथ अखबार लाया
किसी बडे आदमी, शायद नेता, ने कहा:
कानून बनेंगे, विकास होगा
मुल्क मे तो जल्द ही खुशहाली आएगी
बगल मे: तस्वीर एक बुढिया की
पैबन्द लगा ब्लाउज, रुआंसी सी शक्ल, आंख नाराज
शायद किसी को तलाशती हुइ
किसी खोए हुए को, खोइ खुशी शायद
चाय कडवी लगी
रामू को चाय ही बनानी नही आती
भूल गया था, घर मे तुम तो हो ही नही
टिस्यु पेपर लाना कोइ
किसी के आंख का आंसू
शायद नाक के रास्ते निकलने वाला है ।